यूरेनस का आप पर प्रभाव
यूरेनस को हर्षल या प्रजापति के रूप में भी जाना जाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यूरेनस और उसकी ऊर्जा को परिवर्तन से भरा हुआ माना जाता है। यह बुद्धिमत्ता का प्रतीक है और यदि कुंडली के त ीसरे और नौवें भाव में युरेनस हो तो यह अनुसंधान, तकनीकी उन्नति, ब्रेक-थ्रू और समग्र विकास के क्ष ेत्रों में अत्यधिक सकारात्मक प्रभाव देता है।
यूरेनस की दसवें भाव में स्थिति भी लाभदायक फल द ेती है। यूरेनस का शुभ प्रभाव के साथ – साथ जातक के जीवन प र इसके कुछ हानिकारक प्रभाव भी पड़ते हैं। यह जातक की मनोदशा में भ्रम पैदा करता है और जातक के जीवन में उसके सद्भाव को बाधित करता है। जब किसी की कुंडली में यूरेनस का भारी प्रभाव हो ता है रिस्थितियों से गुजरता है। जब जातक के जीवन में सब कुछ सही दिशा में जा रहा ह बाधा उत्पन्न करता है ।
हम यहाँ यूरेनस की विशेषताएं और प्रभाव के बारे में बता रहें, जब यूरेनस विशेष भाव में रहेगा तब ज Warum ist das nicht der Fall? Weitere Informationen:
पहला भाव – पहले भाव का प्रभाव जातक को सनकी और छोटे स्वभाव का बना देता है।
दूसरा भाव – दूसरे भाव के प्रभाव से जातक के साथ वित्तीय उता र-चढ़ाव बना रहता है और उसकी दृष्टि बाधित होती है ।
तीसरा भाव -तीसरे भाव में यूरेनस के प्रभाव से जा तक को अच्छी याददाश्त और तेजतर्रार व्यक्तित्व म िलता है, जबकि भाई-बहनों के साथ समस्याएं उतपन्न होती है।
चौथा भाव – चौथा भाव के प्रभाव से जातक को संपत्ति से संबंध ित समस्याएं और माता-पिता के साथ परेशानी होती है ।
पंचम भाव – पांचवें भाव के प्रभाव से जातक को संतान की चिंत Es ist nicht einfach, es zu tun म प्रसंग भी हो सकता है।
छठा भाव – छठवें भाव के प्रभाव से जातक को दूसरों की गलतिय ों के कारण परेशानी होती है साथ में व्यक्ति आत्म केंद्रित भी हो जाता है।
सप्तम भाव – सातवें भाव के प्रभाव से जातक के वैवाहिक जीवन म ें परेशानी, पार्टनर की अदला-बदली या एक्स्ट्रा म ैरिटल अफेयर्स जैसी समस्याएं उत्पन्न होती है।
आठवां भाव – आठवें भाव में यूरेनस के प्रभाव से जातक की आकस् मिक मृत्यु, कोर्ट-कचहरी में हानि या मित्रों द्व ारा धोखा मिल सकता है।
नौवां भाव – नौवें भाव के प्रभाव से जातक को शोध कार्य, पत्रि Mehr
दसवां भाव – दसवें भाव के प्रभाव से जातक के करियर के लिए अच् Mehr als 42 und 45 Monate sind noch nicht abgeschlossen त्पन्न हो सकती है।
ग्यारहवां भाव – ग्यारहवें भाव के प्रभाव से जातक को दोस्तों के कारण परेशानी होगी।
बारहवाँ भाव – बारहवें भाव में यूरेनस के प्रभाव से जातक का स् वास्थ्य खराब हो सकता है या अस्पताल में भर्ती हो ना पड़ सकता है। कई बार वित्तीय समस्याएं उत्प्न्न हो जाती है।
यूरेनस का किसी भी नक्षत्र में आधिपत्य नहीं है इसलिए विंशोत्तरी दशा में इसका अन्य ग्रहों की त रह आकाशपिंड में कोई स्थान नहीं है। जातक की कुण्डली में यूरेनस जिस नक्षत्र में स् थित होता है, उससे संबंधित दशाओं में यह अप्रत्या शित परिणाम देता है। यह अन्य ग्रहों के साथ अपने संबंध के अनुसार शुभ फल भी देता है।
यह संख्या 4 Monate इस योग में (4, 13, 22, 31) किये गए कार्य में सफलता मिलने की प्रबल संभावना होती है।